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आपको अपने बच्चे के ग्रोथ की निगरानी कैसे करनी चाहिए?

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ग्रोथ शरीर के शारीरिक आकार में वृद्धि को दर्शाता है और विकास किसी व्यक्ति के कौशल एवं कार्य में सुधार को दर्शाता है। एक साथ मिलकर ये सब व्यक्ति के शारीरिक, बौद्धिक, भावात्मक एवं सामाजिक विकास को दर्शाते हैं।

जन्म से पांच वर्ष की आयु को वर्ष कहा जाता है। इन वर्षों के दौरान, बच्चे में बुनियादी मानसिक एवं शारीरिक विकास होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, पोषण, स्वास्थ्य देखभाल और पर्यावरण बच्चे के ग्रोथ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

ग्रोथ को मापने के लिए मापदंड किलोग्राम में वज़न, मीटर में ऊंचाई और सिर एवं छाती की परिधि हैं। भारत में, बच्चों में उनके ग्रोथ को मापने के लिए हम डब्ल्यूएचओ चाइल्ड ग्रोथ स्टैंडर्ड (2006) का उपयोग करते हैं। कमियों की जांच करने के लिए अपने बच्चे के ग्रोथ की निगरानी करना सबसे महत्वपूर्ण है।

वज़न

वज़न को एक बच्चे के ग्रोथ में मुख्य मानक माना गया है क्योंकि कुछ सौ ग्राम में परिवर्तन को भी दर्ज किया जा सकता है।

  • यह बाॅडी मास को सूचित करता है।
  • यह डायरिया की तरह बचपन में रूग्णता के कारण पोषण की स्थिति में भी छोटे बदलावों के प्रति संवेदनशील है।
  • तेजी से वज़न कम होना कुपोषण के संभावित खतरे को सूचित करता है।

ऊंचाई

  • किसी व्यक्ति की लंबाई उसके आनुवाशिक और पर्यावरण संबंधी कारकों पर निर्भर करता है।
  • अपर्याप्त आहार सेवन और/या संक्रमण बच्चे के ग्रोथ में सहायक पोषक तत्वों को कम करते हैं। इसके परिणामस्वरूप ग्रोथ में बाधा उत्पन्न हो सकती है।

ग्रोथ की निगरानी

  • यह एक नियमित माप है जो आपको अपने बच्चे के ग्रोथ को देखने में मदद करती है। यह चार्ट आपके बच्चे के ग्रोथ एवं ऊंचाई की निगरानी करने में भी मदद करता है।
  • डब्ल्यूएचओ (विश्व स्वास्थ्य संगठन) के अनुसार, नीचे दी गई तालिकाओं में बालक एवं बालिकाओं के लिए अलग-अलग ग्रोथ चार्ट दिये गये हैं।
  • आपके शिशु का तेजी से ग्रोथ होता है - उसकी ऊंचाई एवं वजन लगातार बढ़ रहा होता है। इसलिए ग्रोथ की निगरानी हमें महीने में एक बार, 3 वर्ष की उम्र तक और उसके बाद कम से कम 3 महीने में की जानी चाहिए।
  • हर बार जब बच्चे का वज़न किया जाता है तो वज़न का विवरण ग्रोथ चार्ट में दर्शाया जाता है और इस प्रकार के विवरणों को जोड़ने पर उसे ग्रोथ कर्व कहा जाता है। यदि आपके बच्चे का वजन नियमित बढ़ रहा है तो वजन की लाइन ऊपर दिशा मंे जाएगी।
  • यदि ग्रोथ कर्व ऊपर की दिशा में नहीं बढ़ रहा है तो अपने डाॅक्टर से सलाह लें।
  • याद रखें कि किसी बच्चे के ग्रोथ के सूचक केवल उसकी लंबाई और वनज नहीं हैं क्योंकि इसमें उसके आनुवाशिंक गुण, एथनीसीटी (जातीयता) की भी बड़ी भूमिका है।

आप अपने घर पर बच्चे के ग्रोथ की आसानी से माप कर सकते हैं

  • किसी ठोस, समतल स्थान पर रख कर डिजिटल स्केल का इस्तेमाल करें
  • जूते एवं कपड़े उतारकर बच्चे को मापक यंत्र के बीच में खड़ा करें।
  • नजदीकी दशमलब अंक में वज़न को दर्ज करें और इसे नीचे दिये गये ग्रोथ चार्ट में दर्शायंे।
  • दो वर्ष से अधिक उम्र के बच्चे की ऊंचाई राॅड एंथरोपोमीटर पैमाने का उपयोग करके भी मापी जा सकती है जहां बच्चे की अधिकतम ऊंचाई राॅड की लाइन में खड़े होकर मापी जाती है।
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